गायत्री शक्तिपीठ (शांतिधाम)
सिद्ध पीठ गायत्री शक्तिपीठ शांतिधाम एक परिचय
ये गायत्री शक्तिपीठ शान्तिधाम बिहार के छपरा जिले के अमनौर प्रखंड के रसूलपुर ग्राम में स्थित है जो मेरी Onkar Nath Sharma की जन्मभूमि है।
पू० गुरुदेव , वेदमूर्ति, तपोनिष्ठ,प० श्री राम शर्मा आचार्य जी , के जीवन काल का यह अंतिम शक्तिपीठ है।
इसका शिलान्यास 02 जून 1990 गायत्री जयंतिको , नौ दुर्गा का प्रतीक 9 गायत्री साधना रत कुमारी कन्याओं के हाथ हुआ था।
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शांति कुञ्ज के प्रतिनिधि स्वरुप स्व० रामचन्द्र सिंह जी तथा जिले के सभी प्रमुख गायत्री परिजनों की उपस्थिति में हुआ।
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इसकी प्राण प्रतिष्ठा शांतिकुंज के प्रतिनिधि , कवि श्रेष्ठ, आदरणीय मंगल विजय जी के हाथों, महाशिवरात्रि 1992 में , शक्ति साधना वर्ष अभियान के साथ हुई।
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प्राणप्रतिष्ठा के एक माह पूर्व से शक्तिपीठ के प्रांगण में समीपवर्ती गावों के 150 साधकों ने नित्य प्रातः काल 7 से 8 बजे तक जप करते हुए 35 लाख गायत्री महामन्त्र जप का एक पुरश्चरण पूरा किया।
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प्राणप्रतिष्ठा के समय संपन्न यज्ञ में 52 देवस्थापनाएं हुई थीं।
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1992 महाशिवरात्रि से अब तक सामूहिक साधनाओं में स्थानीय स्तर पर, 24 करोड़ से ज्यादा गायत्री मंत्र जप संपन्न हो चुका है।
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शक्तिपीठ पर दैनिक,साप्ताहिक, और नवरात्रियों में बड़े यज्ञों की श्रृंखला निरंतर चलती रही है।
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प्रत्येक नवरात्रियों में 150 से 200 साधक मेरे प्रत्यक्ष मार्गदर्शन और परम् पू० गुरुदेव, परम वंदनियाँ माता जी के सूक्ष्म संरक्षण में गायत्री साधना अनुष्ठान करते है।
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अखंड दीप,अखंड जप, नित्य यज्ञ, भजन,सत्संग,प्रवचन का लाभ साधकों को मिलता है।
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यहाँ आदि प माँ गायत्री, माँ दुर्गा और माँ सरस्वती की संगमरमर की प्रतिमाएं प्राण प्रतिष्टित हैं।
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परम् पू० गुरुदेव वेद मूर्ति, तपोनिष्ठ प० श्री राम शर्मा आचार्य जी और परम् वन्दनीयां माता भगवती देवी शर्मा के भश्मावशेष के शक्ति कलश स्थापित हैं।
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यही कारण है कि यह सिद्ध पीठ है। यहाँ दर्शन और साधना अनुष्ठान करने वालों की मनोकामना माँ गायत्री की कृपा से अवश्य पूर्ण होती हैं।
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यहाँ साधकों के जीवन में हुए अनेक चमत्कारी अनुभवों में से कुछ वर्णन मैं समय समय पर करता रहता हूँ।
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गायत्री साधना में रूचि रखने वाले इस सिद्धपीठ गायत्री शक्ति पीठ शान्तिधाम में ,
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स्थानीय गायत्री साधक, चैत्र और आश्विन नवरात्रियों में हमारे प्रत्यक्ष मार्गदर्शन में साधना का लाभ उठाने के लिए मुझसे संपर्क कर सकते हैं। ताकि उनके लिए व्यवस्था बनाई जा सके।
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देश के अन्य भागों में, मेरे मार्गदर्शन में गायत्री साधना करने वाले दूरवर्ती साधक, नवंबर माह में कार्तिकपूर्णिमा के अवसर पर प्रतिवर्ष होने वाले 24 कुंडीय श्री सत्य सनातन धर्म महायज्ञ में भाग ले सकते हैं।
ओंकार नाथ शर्मा " श्रद्धानंद "
जय माँ गायत्री। जय माँ गायत्री।